एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 2 )
अनु और उसकी फैमली जयपुर के लिए निकल चुके थे सफर लम्बा था 4 से 5 घंटे लगने थे सब लोग बोर भी बहुत हो रहे थे
तभी काव्या के शैतानी दिमाग में झोल सूझा की ''क्यो ना अंताक्षरी खेला जाए '' (और फैमली के साथ अन्ताक्षरी खेलने का मजा ही अलग है )
अनु चेहकते हुए बोली - '' हाँ , अन्ताक्षरी खेलते है कितने दिन हो गए डैड का गाना नही सुना लास्ट टाइम आपने आपनी और मम्मा कि सालगिरह पर गाया था तो इसी बहाने गाना सुनने को मिल जाएगा
आयुष सबके पास आते हुए बोला - '' हां चलो स्टार्ट करते है ''
काव्या सोचते हुए बोली - '' पहले कौन स्टार्ट करेगा ''
अनु ने सोच के बोली - '' मैं ये बॉटल घुमाऊंगी जिसके सामने रुकेगा उसे गाना गाना होगा....जरूरी नहीं किस शब्द से गा रहे हो जो आए गा लो '' (आज सब को अपने अंदर की लता मंगेशकर और कुमार सानू को दिखाने का मोका मिल रहा है 😂😂 )ये कहते हुए उसने सब को देखा
सबने सहमति से सर हिलाया और अनु ने बॉटल को घुमा दिया (🤣सबकि आँखे बोटल पर थी जैसे बेचारा बोट्स कोई क्राइम कर रहा है🤣) बॉटल रुकी तो सबकी नजर सांची पर गई क्योकि बोटल सांची के सामने रूकी उसने अपनी पोजिसन ली आयुष की तरफ देखा और गाना शुरू किया
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
अब है जुदाई का मौसम
दो पल का मेहमां
कैसे ना जाएगा अंधेरा
क्यूँ ना थमेगा तूफां (2)
कैसे ना मिलेगी, मंजिल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार सुन सदाएं,
दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
सांची ने गाना खतम किया सबसे उसके लिए ताली बजाई आयुष अभी भी सांची और उसके गाने में खोया था
अनु ने देखा तो उसने मजाक में आयु के कान में कहा "भाई बस माना मेरी भाभीजान कयामत लगती है पर आप ऐसे देखोगे तो नजर लग जाएंगी उन्हें '' इतना बोल अनु काव्या को हाई-फाई देते हुए हसने लगती है।
आयु ये सुनकर झैप जाता है और अनु के सर पर चपत लगा के उसे गेम आगे बढ़ाने को कहता है
अनु फिर से बॉटल खुमाती है इस बार बॉटल वीरेनजी पर रुकती है अनु उछ्लती हुए बोलती है '' पापा आप वो गाना सुनाओ जो मम्मी के लिए आपने उनके बर्थडे पर गाया था ''
वीरेन जी -
चाँद से पर्दा कीजिये
हा चाँद से पर्दा कीजिये
कही चुरा न ले चेहरे का नूर
ऑय मेरे हम नावा
ऑय मेरे हुज़ूर
ऑय मेरे हम नावा
ऑय मेरे हुज़ूर
हा चाँद से पर्दा कीजिये
वीरेनजी ने गाना खतम किया फिर खेल को आगे बढ़ाते हुए काव्य फिर मीशा आयुष ने गाया अनु की बारी आई तो उसने मना कर दिया बहुत कहने पर उसने गाना शुरू किया
एक मुलाकात हो, तू मेरे पास हो
जीने की वजह तुम बनो, तुम बनो
बन के तू रहबर, मुझको मिला है
तू मिल गया, मैं मुकम्मल हुआ
एक मुलाकात ज़रूरी, है ज़रूरी, जीने के लिए
हाँ मुलाक़ात ज़रूरी...
(अनु ने गाते वक्त आपनी आखे बंद की हुई थी उसकी आवाज में एक कशिश थी )
तेरे बिन लम्हां खाली सा लगता है
चेहरा तेरा अपना सा लगता है
तू मिल जाए मिल जाए ये जहां
सजदों में खुदा से माँगा है जाने-जां
बन के तू रहबर...मुझको मिला है
तू मिल गया, मैं मुकम्मल हुआ
एक मुलाकात ज़रूरी, है ज़रूरी, जीने के लिए
हाँ मुलाक़ात ज़रूरी...
सब अनु की आवाज में खोए थे वीरेनजी राधिकाजी पीछे आराम करने चलें गए थे तभी अचानक से बस रुकी सब जो अभी तक गाने में खोए थे वो ख्यालो से बाहर आए । सबने देखा तो बस एक ढाबे पर रुकी थी सब लोग फ्रेश होने के लिए निचे उतरे और आगे कि तरफ बढ़ गए ।
अनु अभी भी ख्यालों में खोई चली जा रही थी कि अचानक से किसी से टकराई और गिरने को हुए पर उससे पहले हि किसी ने उसे बचा लिया अनु ने देखा (एक लड़का था गोरा रंग काली आंखे हि दिख रही थी क्योंकि उसने ऑवर हैड हुडी पहनी भी और सूरज की रोशनी की वजह से अनु उसे देख नही पाई उसने सिर्फ उसकी आंखे देखी )जो अनु को देखे जा रही थी अनु ने खुद को सम्हाला और खडी होकर बोली "सारी "
उस लडके ने सिर्फ " इट्स ओके " कहा और वहां से चला गया पर उसके चहरे पर एक अजीब भाव आ गए थे वो एक बार पलटा और तिर्छा मुस्कुरा दिया....
अनु ने भी ज्याद नही बोली और आगे चले गई सब फ्रेश हुए खाना खाया और और कुछ देर रुक के वापस चल दिए 1 घंटे बाद फाइनली बस एक बहुत ही सुंदर से रिजॉट के सामने रुकी सब बस से उतरे आगे कि ओर अंदर चल दिए....
अनु रिजॉट का मुआइना करते हुए चल रही थी कि अचानक से कोई आया और झटके से उसके गले लग गया
अनु उसे अलग कर के अपनी गर्दन पकड़ बोली - '' कंजर कहीं की इतने झटके से गले कौन लगता है मेरी गर्दन तो आज गई थी ''
अनाया (रिशू)ने झल्लाते हुए उसे मारते हुए कहा - कंजर तू है चुड़ैल मैने तुझे बोला था न कि तो मुझसे पहले यहां पहुच जाइओ लेकिन सबसे लेट आई तू मुझे तो लगा तू शादी में ही आएगी और है तुझे जो बोला था वो लाई कि नही देख अगर बुल गई है तो मैं तुझे अभी वापस भेज दूंगी लेने (वो बोली जा रही थी )
अनु उसकी बातो से झल्ला गई और चिल्ला कर बोली - "बस कर मेरी मां कितना बोलेगी....अरे मुझे अंदर चलने तो दें बिना ब्रेक के गाड़ी की तरह स्ट्राट हो गई.... ये नही देख रही कि बिचारी बच्ची इतने लम्बे सफल के बाद थक गई होगी लेकिन नही तुझे तो बस बकबक करा लो पता नही जीजू कैसे झेलेगे कि तूझ जैसी बवाल को ''
दोनों वहीं पर शुरू हो गई तभी अनाया की मम्मा ने कहा - '' रिशू बच्चे उसे अंदर तो आने दे बाहर ही रोक लिया बिचारी को '' उसकी आवाज़ सुन अनु और रिशू अंदर आ गई ! रिशू उसे अपने रूम में ले गई शाम को सगाई थी तो अनु और रिशू सांची मीशा काव्या और कुछ लडकियां मेंहदी लगवाने लगी....
अनु इन सब से बोर हो रही थी वो डीजे के पास गई और गाना बाजवा दिया उसने मीशा काव्या को साथ लिया और स्टेज पर चल दी गाना बजते ही सब की नजर स्टेज पर थी ।
अनु मिशा काव्या सांची चारों ने आँखों पर ब्लैक गॉगल्स लगाए थे और गाने पर डान्स स्टेप कर रही थी....
आँख ज़ूम ज़ूम करके देखे
मैं लगदी बड़ी प्यारी वे
मेरे नाल ही नाचन दे लायी
ऐड गयी तेरी गरररि वे
आँख ज़ूम ज़ूम करके देखे
मैं लगदी बड़ी प्यारी वे
मेरे नाल ही नाचन दे लायी
ऐड गयी तेरी गरररि वे
एह होये शराबी ओए
आज होनी खराबी ओए
करे ग्रूवे थोड़ा स्विंग स्विंग
और ढोल बथेरे विथ बलिये हाय
लक्क मेरा हिट बलिये (x 2)
ढोल पे तेरे फिट बलिये
लक्क मेरा हिट बलिये
अब सब लोग स्टेज पर आ गए सब ने खूब सारा नाच गाना किया सब लकड़ीयो औरतो ने महंदी लगावाई और अपने अपने काम में लग गई ॥
अनु को बहुत प्यास लगी थी वो उठकर पानी लेने जा ही रही थी कि रास्ते में हि किसी से टकरा गई उस लड़के के हाथ का सारा जूस अनू के सूट पर गिर गया ।
अनु आंखे बड़ी किए मुँह खोले रह गई उसने अपनी आंखे मींची और गुस्से में बोला - " देख कर नही चलना आता क्या"
सामने खड़े लड़के ने आराम से कहा - '' क्यों तुम देखकर नही चल सकती ''
अनु तुनकते हुए बोली - वॉट द हेल एक तो गलती ऊपर से मुझे ही बोल रहे हो ''
लडका अजीब सा मुँह बना के बोला - '' ओ मिस सिर्फ जूस हि तो गिरा है साफ हो जाएगा इसमें इतना चिल्लाने वाली कौन सी बात है ''
अनु आगे कुछ बोलती राधिका जी ने उसे बुला लिया और वो उसे आंखे दिखा कर चली गई वो लडका खड़ा उसे देख रहा था तभी एक लडका उसे बुलाते हुए आया "आरव ...आरव"
आरव [ चलिए बताती हूँ आरवजी के बारे में तो ये है हमारे हिरो और दिखने में भी हिरो से कम नहीं है गोरा रंग काली गहरी आँखे जो किसी भी लडकी को अपना दिवान बना दे प्रफेक्ट बॉडी और आटरेक्टिव प्रस्नेलेटी ]
विवान उसे बुलाता हुआ उसके पास आया और बोला "अबे साले कानपूर में कोई परेशानी है क्या कबसे बुला रहा हूँ सूना नही दे रहा क्या किसके ख्यालो में खोया था
आरव बालो में हाथ फेरते हुए बोला - "कुछ नहीं बस एक बवाल से टकरा गया था... तू बता क्यों चीख रहा था "
विवान ने जूस पिटे हुए कहा - "वो आंटी बुला रही भी अरिश और भाभी की रिंग लेने जाना है ''
आरव अपने सर पर चपत लगाते हुए - "ओ सीट मै भूल कैसे गया अरिश और अनाया की रिंग लेने जाना है अगर दोनो को पता चला कि मैं उनकी रिंग अभी तक नही लाया तो दोनो मेरी जान ले लेंगे चल जल्दी '' इतना बोल आरव विवान को खींचते हुए ले गया और दोनो वहां से बाहर कि तरफ चले गए !
दूसरी तरफ अनु बडबडा रही थी "इंडियट...डफोर... दिखता भी नहीं है पूरा सूट गंदा कर दिया बेवकूफ ने "
रिशू और मीशा ने देखा तो बोली - " ओए तू किस से बात कर रही है और ये सूट कैसे गंदा हुए जूस तू पी रही थी या सूट को पीला रही थी '' बोल कर दोनों हंसने लगी
दोनो को हंसता देख अनु चिडकर बोली - "चुप करो दोनो और ये जूस मैने नही गिराया.... एक झैगुन टकरा गया था और सारा जस्ट गिरा दिया मेरे प्यारे सूट पर (बच्चो जैसा फैस बनाकर बोली)पर अब मिले तो बताती हूँ उसे "
अनाया उसको लेहंगा देते हुए बोली - '' अच्छा चल चलकर रेडी होते है 5 बज गए है 7 बजे तक महमान आना शुरू होगे चल जल्दी '' उसकी बात सुन तीनो रेडी चली गई ।
7 बजे
सब मेहमान आ चुके थे अनु आपना गाऊन सम्हाल कर चल रही थी लेकिन फिर से वो किसी से टकरा गई [ एक तो ये लडकी टकराती बहुत है ]
अनु गिरते इसे पहले अपने गबरु जवान अपने हिरो आरव ने पकड़ लिये इस बार अनु की आखे बंद थी और आरव उसे देखता ही रह गया (वो लग ही इतनी प्यारी रही थी पिंक कलर का इवनिंग गऊन उस पर हल्का सा मैकअप आंखों में पतला सा काजल होटो पर हल्की लिपस्टीक और उसका वो तिल जो उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देती थी)
आरव उसे देख रहा था अनु को जब लगा कि वो गिरी नही तो उसने आंखे खोली और बुरा सा मुंह बना कर बोली "तुम"तब जाकर आरव बाबु ख्यालो से बाहर आए ।
अनु सीधे खडी होते हुए बोली - "तुम्हे दिखता नही है क्या शाम में भी तुम मुझसे टकराए मतलब कोई और नहीं मिलता तुम्हे टकराने के लिए......'' अनु बोली जा रही भी पर
आरव उसे इग्नोर करते हुए मन में बोला - '' यार ये लडकी दिखने में तो बड़ी सीधी क्यूट और स्वीट है पर है पूरी की पूरी हरी मिर्च विथ एस्टर रैड चीली सोस कितना लडती है सही नाम दिया है मैने इसे मिस बवाल ''
जब अनु को लगा कि उसे कोई जवाब नही मिल रहा उसने आरव के सामने हाथ हिलाते हुए कहा - "ओ मिस्टर मैं यहां पागल हूँ जो बोली जा रही हूँ "
आरव - " लग तो रहा है कि तुम पागल हि हो क्योंकि मैं तो कुछ भी नही बोल रहा तुम्ही बोली जा रही हो और हा मुझे कोई शोक नही है लड़ने का अब जल्दी से मुझे थैकंस बोलो और मै जाऊ ''
अनु कान चढ़ाते हुए बोली - "वॉट थैंक्स और तुम्हे.... किस खुशी में"
आरव अपनी ब्लेजर को ठीक करते हुए बोला - "तम्हे गिरने से बचाया इस खुशी में "
अनु गुस्से से उसपर चढ़ते हुए बोली - " ओ हैलो गिरने वाली मैं तुम्हारे वजह से थी तो तुम सॉरी बोलोगे और शाम के लिए भी तुमने मेरा सूट खराब किया "
आरव हंसते हुए बोला - "लाई सीरियस्ली सॅारी वो भी तुम्हे नो वै "
अनु आखो मे देखते हुए बोली - "सारी तो तुम बोलोगे मिस्टर"
आरव भी उसकी आँखों में देखती हुए बोला , " देखते हैं कैसे " इतना बोल दोनो एक दूसरे को घूरते हुए अपने अपने रास्ते चले जाते हैं।
*****************************
[तो देखते है आगे और क्या क्या बवाल करते है ये दोनो तो आज मैंने आपने हिरो कि एंट्री कर दी तो बताना मत बुलना कैसी लगी इनकी पहली बवाल भरी मुलाकात तो मिलते है अगले भाग के साथ तब तक के लिए ]
#staysafe stay healthy 🤗🤗🤗🤗🤗🤗
धन्यवाद 🙏🙏🙏
✍सुधा यादव©®
सिया पंडित
21-Feb-2022 04:49 PM
गुड..
Reply
Inayat
15-Jan-2022 04:42 PM
Bahut badhiya
Reply
Seema Priyadarshini sahay
15-Jan-2022 03:50 PM
सुंदर भाग..👌👌बहुत बढ़ियां लेखन
Reply